नववर्ष पर वैष्णो देवी यात्रा: श्रद्धालुओं के लिए सख्त हुए नियम, दर्शन से पहले जान लें जरूरी बदलाव
नए साल पर माता वैष्णो देवी के दर्शन की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं के लिए अहम सूचना सामने आई है। हर वर्ष नववर्ष के अवसर पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने के लिए नियमों में सख्ती की है। इन बदलावों का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भवन क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ को रोकना है।
श्राइन बोर्ड के अनुसार अब कटरा से भवन तक चढ़ाई और दर्शन के बाद वापसी का समय निर्धारित कर दिया गया है। RFID कार्ड जारी होने के 10 घंटे के भीतर श्रद्धालुओं को यात्रा आरंभ करनी होगी। वहीं, माता रानी के दर्शन के बाद 24 घंटे के अंदर कटरा बेस कैंप लौटना अनिवार्य किया गया है। पहले समय सीमा न होने के कारण कई यात्री भवन क्षेत्र में लंबे समय तक रुक जाते थे, जिससे भीड़ और अव्यवस्था बढ़ जाती थी।
RFID कार्ड यात्रा का अनिवार्य हिस्सा बना रहेगा। यह इलेक्ट्रॉनिक कार्ड न केवल भीड़ प्रबंधन में मदद करता है, बल्कि किसी आपात स्थिति में श्रद्धालु की पहचान और लोकेशन ट्रैक करने में भी सहायक होता है। इसके माध्यम से प्रशासन को यह जानकारी मिलती रहती है कि कितने यात्री ऊपर जा रहे हैं और कितने वापस लौट चुके हैं।
कटरा से भवन तक लगभग 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा होती है, जिसे पूरा करने और लौटने में सामान्यतः 12 से 16 घंटे लगते हैं। हेलिकॉप्टर सेवा का उपयोग करने पर यह समय 4 से 6 घंटे तक सिमट सकता है। दर्शन के लिए लाइन में प्रतीक्षा समय आम दिनों में कुछ घंटों का होता है, लेकिन नववर्ष की भीड़ में इसमें बढ़ोतरी संभव है।
श्राइन बोर्ड का कहना है कि नए नियमों से यात्रा अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालु-हितैषी बनेगी। प्रशासन ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे निर्धारित नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा की योजना समयबद्ध तरीके से बनाएं, ताकि माता वैष्णो देवी के दर्शन शांति और श्रद्धा के साथ कर सके।





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