23-12-2024
This content is restricted.
This author has not written his bio yet.
But we are proud to say that khabariprashad contributed 4718 entries already.
This content is restricted.
जब भी नया वर्ष शुरू होने वाला होता है, हमारे मन में अनेक प्रकार की जिज्ञासाएं उत्पन्न होने लग जाती हैं। जैसे कि हमारा नया साल कैसा रहेगा? अर्थात आने वाले नए साल में हम क्या उपलब्धियां प्राप्त कर सकेंगे अथवा नए साल में किस प्रकार की चुनौतियां रह सकती हैं? नया साल हमारे लिए […]
This content is restricted.
मुंबई (अनिल बेदाग) : गायक श्रीराम चंद्र कई प्रतिभाओं वाले व्यक्ति हैं और अब तक पूरा मनोरंजन बिरादरी इसके बारे में अच्छी तरह से जान चुकी है। हाल ही में 69वें फिल्मफेयर अवार्ड्स साउथ 2024 में ‘सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक (तेलुगु)’ का पुरस्कार जीतने वाले गायक ने कुछ समय पहले अपने शानदार प्रदर्शन से दिल्ली […]
जनपद पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट की सौन्दर्य से परिपूर्ण छटाओं के बीच यहां से लगभग एक किमी दूरी पर स्थित अत्यन्त ही प्राचीन मां भगवती महाकाली का अद्भुत मंदिर है, जो धार्मिक और पौराणिक दोनों ही दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यह स्थान आगन्तुकों का मन मोहने में पूर्णतया सक्षम है। स्कंदपुराण के मानस खंड में […]
जब भी नया वर्ष शुरू होने वाला होता है, हमारे मन में अनेक प्रकार की जिज्ञासाएं उत्पन्न होने लग जाती हैं। जैसे कि हमारा नया साल कैसा रहेगा? अर्थात आने वाले नए साल में हम क्या उपलब्धियां प्राप्त कर सकेंगे अथवा नए साल में किस प्रकार की चुनौतियां रह सकती हैं? नया साल हमारे लिए […]
हरित महाकुंभ अभियान के तहत 45 लाख थालियों में 9 करोड़ लोग कर पाएंगे भोजन सुशील कुमार ‘ नवीन ‘ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रहित चिंतन के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। इसी कड़ी में संघ के शताब्दी वर्ष में होने वाले प्रयागराज कुंभ को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। इसके तहत संघ और उसके समविचारी संगठनों द्वारा प्रयागराज महाकुंभ में 45 लाख थालियां भेजी जाएंगी ताकि प्लास्टिक, डिस्पोजल थालियों का प्रयोग रुके। इन थालियों के साथ 45 लाख जूट या कपड़े के थैले भी साथ में भेजे जाएंगे। इसके लिए समूचे देश में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा थाली और थैले जुटाने शुरू कर दिए गए हैं। जो शुक्रवार 20 दिसंबर से प्रयागराज भेजने भी शुरू कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर सन 1825 में विजयादशमी के दिन डॉ.केशवराम बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। 2025 में विजयादशमी पर स्थापना के 100 साल पूरे हो जाएंगे। संघ के स्वयंसेवक स्थापना वर्ष को यादगार बनाने में जुटे हैं। संघ शताब्दी वर्ष में हर परिवार को साथ जोड़ने की योजना पर योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है। संघ का प्रयास है कि स्वयंसेवक हर घर और हर परिवार तक पहुंचें। इसके लिए शहरों के साथ-साथ गांवों तक पहुंच बनानी शुरू कर दी गई है। विस्तार पखवाड़े के दौरान संघ के स्वयंसेवकों द्वारा गांवों में संपर्क कर संघ की शाखाओं को बढ़ाने का कार्य किया गया है। संघ शाखाओं के माध्यम से युवाओं के साथ समाज के हर वर्ग को जोड़ा जा रहा है। यही नहीं लोगों के बीच आपसी सामाजिक सद्भाव जागृत करने पर भी कार्य जारी है। इससे संघ की हर घर तक पहुंच आसान हो जाएगी। स्वयंसेवकों को इसके लिए लोगों के बीच बैठकर काम करने के लिए जोर दिया जा रहा है। संघ ने शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन पर फोकस रखा है। इसमें कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, स्वजागरण और मनुष्य के कर्त्तव्य को शामिल किया गया है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य के स्वजागरण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्यों का लोगों को बोध कराते हुए पर्यावरण के प्रति भी जागरूक कराया जाना है। प्रयागराज महाकुंभ में एक थैला, एक थाली अभियान का चलाया जाना पंच परिवर्तन का ही हिस्सा है। पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने और देश के लोगों को इस बारे में जागरूकता लाने हेतु राष्ट्रीय संघ द्वारा प्रयागराज कुंभ मेले 2025 के लिए 45 लाख थालियां और 45 लाख थैले एकत्र किए जा रहे हैं। इन 45 लाख थालियों में अनुमानित 9 करोड़ लोगों के रोजाना भोजन करने का अनुमान है। 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। जो 26 फरवरी तक चलेगा। इसमें विभिन्न स्थानों से देशों से 45 करोड़ लोगों की आने की संभावना है। इस दौरान विभिन्न अखाड़ों या अन्य धार्मिक संस्थानों द्वारा अटूट भंडारा जारी रखा जाएगा। भंडारों में पत्तल के साथ डिस्पोजल का प्रयोग ज्यादा होता है। माना जा रहा है इन दिनों में यदि भोजन में डिस्पोजल प्लेट आदि यूज किए गए तो प्रतिदिन चार हजार टन से अधिक कचरा प्रतिदिन निकलेगा। जो न केवल वहां के वातावरण को प्रदूषित करेगा, साथ साथ संगम को भी प्रभावित करेगा। इसी गंभीर सोच के साथ संघ ने महाकुंभ को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए अपना योगदान देने का फैसला किया है। इसके तहत स्वयंसेवकों द्वारा अपने अपने क्षेत्रों से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं से भी संपर्क कर निवेदन किया जा रहा है कि महाकुंभ में भाग लेने जा रहे हैं, तो आप अपने साथ एक थाली और एक थैला लेकर जाए। इसके साथ साथ जो नहीं जा रहे हैं उनसे इस अभियान में सहयोग मांगा जा रहा है। संस्कृत के नीतिशतकम् ग्रन्थ में महाकवि भर्तृहरि ने जो लिखा है, वह संघ के स्वयंसेवकों पर सटीक बैठता है। भर्तृहरि जी ने कहा है – निन्दन्तु नीतिनिपुणाः यदि वा स्तुवन्तु, लक्ष्मीः समाविशतु गच्छतु वा यथेष्टम्। अद्यैव वा मरणमस्तु युगान्तरे वा, न्याय्यात्पथः प्रविचलन्ति पदं न धीराः। भाव है कि नीतिनिपुण व्यक्ति चाहे निंदा करे या प्रशंसा, लक्ष्मी आये या चली जाए। मृत्यु आज हो lया बाद में। धैर्यवान पुरुष के कदम कभी भी न्याय पथ से विचलित नहीं होते। सामाजिक सरोकार निभाने में संघ का यह पहला प्रयास नहीं है। शिक्षा, सेवा, प्राकृतिक संरक्षण, जल संरक्षण, सामाजिक सद्भाव, श्रमिक, उद्यम, स्वदेशी, प्राकृतिक संसाधनों का समेकित उपयोग, जैविक कृषि, स्वदेशी तकनीक, वनवासी कल्याण, वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा और रोजगार का उद्भव आदि क्षेत्र में निरंतर कार्य करता रहा है। देश में जब भी कोई दैविक या मानवकृत विपदा आयी है तो संघ के स्वयंसेवकों के कदम सबसे पहले आगे बढ़े हैं। त्रासदी चाहे सुनामी की हो या केदारनाथ स्खलन, कोरोना का समय हो या फिर हिमाचल प्रदेश में आई आपदा। कहने का भाव ये है कि जहां भी सेवा की आवश्यकता हुई है संघ के स्वयंसेवक सदैव अग्रणी रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान जहां हर कोई किसी से संपर्क करने से बच रहा था, वहीं अपनी जान को संकट में डाल कर स्वयंसेवकों ने उल्लेखनीय कार्य किया। खास बात ये कार्य किसी क्षेत्र विशेष में नहीं, बल्कि देश के हर कोने में समर्पण भाव से किया गया। संघ द्वारा अपने हर आयोजन में कल्याण मंत्र के रूप में प्रयोग करने वाले संस्कृत के इस श्लोक के साथ यही उम्मीद है कि संघ का यह अभियान सफल हो। पर्यावरण के प्रति लोगों में जनचेतना का संचार हो।यह तभी होगा ,जब सब इस बारे में सोचेंगे। सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,मा कश्चिद् दु:खभाग्भवेत्।। (संसार में सभी सुखी हो, निरोगी हो, शुभ दर्शन हो और कोई भी ग्रसित ना हो।)
समाज कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एनसीआर बेस्ड विनसम एक्सप्रेस को प्रतिष्ठित अटल सम्मान समारोह 2024 में अटल सम्मान देकर सम्मानित किया गया। विनसम एक्सप्रेस को उनके उत्कृष्ट सेवाओं और समाज कल्याण के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। विनसम एक्सप्रेस के निदेशक सुमित शर्मा ने समारोह में पहुंचकर यह सम्मान […]
This content is restricted.
सबसे आम समस्या जो लोगो में डॉक्टर्स को देखने को मिलती है वो है सियाटिका साइटिका (sciatica) नाडी, जिसका उपरी सिरा लगभग 1 इंच मोटा होता है, प्रत्येक नितंब के नीचे से शुरू होकर टाँग के पिछले भाग से गुजरती हुई पाँव की एडी पेर ख़त्म होती है| इस नाडी का नाम इंग्लीश में साइटिका […]
